बस एक तू है मेरा
मेरे पास आ मेरे महबूब मुझे दूर रह के सज़ा ना दे
भला प्यार भी कोई जुर्म है बिना जुर्म के तो कज़ा ना दे
माना इंतज़ार मे है मज़ा जो के वस्ल-ए-यार से कम नहीं
मेरे हाल पे कर तू करम मुझे ऐसी शय का मज़ा ना दे
मेरे दीदा-ए-तर बिन तेरे दीदार के खामोश हैं
आ मेरी नज़र मे रंग भर मेरे प्यार को यूं लज्जा ना दे
मत दो दिलों मे फर्क कर ना दिलों का रिश्ता तर्क कर
मुझे डर है साज़ पे प्यार के कोई राग-ए-तर्क बजा ना दे
तू जवान भी है हसीन भी तुझे हसिनायों की कमी नहीं
कहीं दिल मे अपने ऐ सनम किसी और को तू बसा ना दे
इस बे-मुरव्वत जहान में बस एक तू है मेरा
जो पैगाम आये गैर का तो दिल की अपनी रज़ा ना दे.
...Ravi
http://ravi-yadein.blogspot.com/
http://galaxy-gyan-ganga.blogspot.com/
(A Great Collections of Enjoy & Knowledge)
मेरे पास आ मेरे महबूब मुझे दूर रह के सज़ा ना दे
भला प्यार भी कोई जुर्म है बिना जुर्म के तो कज़ा ना दे
माना इंतज़ार मे है मज़ा जो के वस्ल-ए-यार से कम नहीं
मेरे हाल पे कर तू करम मुझे ऐसी शय का मज़ा ना दे
मेरे दीदा-ए-तर बिन तेरे दीदार के खामोश हैं
आ मेरी नज़र मे रंग भर मेरे प्यार को यूं लज्जा ना दे
मत दो दिलों मे फर्क कर ना दिलों का रिश्ता तर्क कर
मुझे डर है साज़ पे प्यार के कोई राग-ए-तर्क बजा ना दे
तू जवान भी है हसीन भी तुझे हसिनायों की कमी नहीं
कहीं दिल मे अपने ऐ सनम किसी और को तू बसा ना दे
इस बे-मुरव्वत जहान में बस एक तू है मेरा
जो पैगाम आये गैर का तो दिल की अपनी रज़ा ना दे.
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1 comment:
KHUB LIKHA HAI
"कहीं दिल मे अपने ऐ सनम किसी और को तू बसा ना दे"
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