बुत को बुत और खुदा को जो खुदा कहते हैं हम भी देखें कि तुझे देख के क्या कहते हैं - दाग
अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएंगे मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएंगे - जौक
सितारों के आगे जहां और भी हैं अभी इश्क के इम्तेहां और भी हैं - इकबाल
मासूम है मुहब्बत लेकिन उसी के हाथों ये भी हुआ कि मैंने तेरा बुरा भी चाहा - फिराक गोरखपुरी
रोग पैदा कर ले कोई जिंदगी के वास्ते सिर्फ सेहत के सहारे जिंदगी कटती नहीं - फिराक गोरखपुरी
इश्क कहता है दो आलम से जुदा हो जाओ हुस्न कहता है जिधर जाओ नया आलम है - आसी गाजीपुरी
देखा न आंख उठा के कभी अहले-दर्द ने दुनिया गुजर गई गमे-दुनिया लिये हुये -फानी बदायूंनी
इश्क कहते हैं जिसे सब वो यही है शायद खुद-ब-खुद दिल में है इक शख्स समाया जाता - हाली
ऐ इश्क तूने अक्सर कौमों को खा के छोड़ा जिस घर से सर उठाया उसको बिठा के छोड़ा - हाली
इश्क में कहते हो हैरान हुये जाते हैं ये नहीं कहते कि इन्सान हुए जाते हैं - जोश मलीहाबादी
इश्क ने ''ग़ालिब'' निकम्मा कर दिया वरना हम भी आदमी थे काम के । - ग़ालिब
इश्क में कहते हो हैरान हुये जाते हैं ये नहीं कहते कि इन्सान हुए जाते हैं - जोश मलीहाबादी
Tuesday, July 01, 2008
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