ज़ुबान खामोश होती है नज़र से काम होता है
इसी माहौल का शायद मोहब्बत नाम होता है
अंदाज़ बहकने लगता है, बातो मे शरारत होती है
आंखो से पता चल जाता है जिस दिल मे मोहब्बत होती है
जब उनसे कहा की तस्व्वुर मे दिल आपको सजदे करता है
वो कहने लगे तुम करते रहो ये खास इबादत होती है
दिल तोडते है फिर जोडते है, रुला के हमेबहलाते है
ये राज़ खुला दिलवालो मे रुलवाने की आदत होती है
क्यो झुठा वादा करते हो, जब मैने कहा तो कहने लगे
नादान हो तुम, वादे से मेरे कुछ देर तो राहत होती है
अंदाज़ बहकने लगता है, बातो मे शरारत होती है
आंखो से पता चल जाता है जिस दिल मे मोहब्बत होती है
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Thanks & Regards
...Ravi
Tuesday, July 08, 2008
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