Wednesday, July 30, 2008

अच्छे दोस्त बहुत कम मिलेगे

अच्छे दोस्त बहुत कम मिलेगे

दुनिया में बहुत गम मिलेगे,
सच मानो, अच्छे दोस्त बहुत कम मिलेगे.
जिस मोड़ पे सब छोड़ देगे साथ तुमारा,
दोस्त उसी मोड़ पे खड़े हम मिलेगे।

दिल की गलियों मे कोई गम न हो,
हमारी यह दोस्ती कभी कम न हो.
बस यही दुआ कि तुम खुश रहो,
क्या पता हम अगर कल हो न हो.

...रवि

7 comments:

seema gupta said...

दुनिया में बहुत गम मिलेगे,
सच मानो, अच्छे दोस्त बहुत कम मिलेगे.
जिस मोड़ पे सब छोड़ देगे साथ तुमारा,
दोस्त उसी मोड़ पे खड़े हम मिलेगे।
"wow, very right , great"

vipinkizindagi said...

चाहे हो दोस्त कम,
बस दोस्ती में हो दम,
क्या कर लेंगे गम,
जब मिलकर लड़ेंगे हम

नीरज गोस्वामी said...

भावपूर्ण और सार्थक पंक्तियाँ...बहुत अच्छा लिखा आपने.
नीरज

बालकिशन said...

वाह
बहुत ही भावभीनी रचना.
उम्दा और बेहतरीन.

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सही लिखा है।

दुनिया में बहुत गम मिलेगे,
सच मानो, अच्छे दोस्त बहुत कम मिलेगे.

Udan Tashtari said...

वाह! आनन्द आ गया.

मोहन वशिष्‍ठ said...

वाह रवि जी एक सच्‍चाई बयां की हे आपने साभार अच्‍छी कविता के लिए