Thursday, July 17, 2008

क्या टूटे हुए दिल को जोड़ पायेंगे वो..?


क्या टूटे हुए दिल को जोड़ पायेंगे वो..?


इस कदर वो याद करते हैं हमें,

आंखों ही आंखों में बया करने वाले,

देते हैं मुस्कराहट का तोहफा,

कल तक जो भूल बैठे थे हमे.


गफलत मे हूँ ख्वाब ही लगता है,

उनका फ़िर आना एक चाहत सी जगाता है,

जी चाहता है थाम लूँ दामन उनका,

पर फ़िर उस टूटे हुए दिल का ख़याल आता है.


किस कदर वो चाहते थे हमे,

हर पल पहलू मे रहने वाले,

दवा करते थे मरहम बनके जो,

वही जख्म गहरा दे गए हमे.


वो तो भुला बैठे थे इस कदर हमे,

हम हैं की ख्वाबों में उन्हे ही देखते हैं,

आज आये हैं वो फ़िर एक गुजारिश के साथ,

क्या टूटे हुए दिल को जोड़ पायेंगे वो..?


...Ravi
http://ravi-yadein.blogspot.com/
http://galaxy-gyan-ganga.blogspot.com/
(A Great Collections of Enjoy & Knowledge)

2 comments:

Palak.p said...

Mere chehre ko padhne ki,
koshish mat karna ..
lafz jo khol diye hum ne,
toh ho jayen ge wo badnaam !!

seema gupta said...

जी चाहता है थाम लूँ दामन उनका
पर फ़िर उस टूटे हुए दिल का ख़याल आता है.

wah bhut sunder sher.
"damn tham kr to ek baar dekha hotta, tute dil ko ek baar sehla kr to dekha hotta, ashkno mey beh jaate saree rusvaee, drad-e-dil ke taar to ek baar to bulakr dekha hotta...."