Monday, July 28, 2008

दिल के करीब

दिल के करीब

दिल दुखा के वो बोले उदास न रहा करो
उस दिन हाथ थामा था के रहेंगे हम सदा

बेवफ़ाई दे के बोले आज उदास न रहा करो
गुम ही गुम है, क्या मोहब्बत क्या वफ़ा

इस दिल ने एक बार फिर तुम्हे पुकारा है
मेरे साँसों मैं तुम समा जाओ
की तिनका भी दीवार न बन सके
इस दिल के इतने करीब आ जाओ.

इस बेरहमी की वजह न बताओ
बस मेरे दिल के करीब आजओ
यह दूरी दर्द है एक बे वजह
आज तुम मेरी साँसों में बस जाओ



...Ravi
'YADEIN'
http://ravi-yadein.blogspot.com/

3 comments:

शोभा said...

अच्छा लिखा है।

vipinkizindagi said...

अच्छी अभिव्यक्ति..

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा, लिखते रहें.