दिल दुखा के वो बोले उदास न रहा करो
उस दिन हाथ थामा था के रहेंगे हम सदा
बेवफ़ाई दे के बोले आज उदास न रहा करो
गुम ही गुम है, क्या मोहब्बत क्या वफ़ा
इस दिल ने एक बार फिर तुम्हे पुकारा है
मेरे साँसों मैं तुम समा जाओ
की तिनका भी दीवार न बन सके
इस दिल के इतने करीब आ जाओ.
इस बेरहमी की वजह न बताओ
बस मेरे दिल के करीब आजओ
यह दूरी दर्द है एक बे वजह
आज तुम मेरी साँसों में बस जाओ
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...Ravi
'YADEIN'
http://ravi-yadein.blogspot.com/
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3 comments:
अच्छा लिखा है।
अच्छी अभिव्यक्ति..
बहुत उम्दा, लिखते रहें.
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