Thursday, September 11, 2008

आज का दिन दोस्तों के नाम...

ख़ुद पर भरोसा हैं तो खुदा तेरे साथ हैं,
अपनों पर भरोसा हैं तो हर दुआ तेरे साथ हैं,
ज़िन्दगी से कभी मत हारना मेरे दोस्त,
जब तक तेरा यह दोस्त तेरे साथ हैं।


हम दोस्ती को पुरा निभाना जानते हैं,
ज़ख्म तुम्हारे कितने भी गहरे हों...
हम दावा लगाना जानते हैं,
हमे भूलने कि कोशिश मत करना दोस्त,
हम और भी याद आना जानते हैं।

हर कदम पे साथ निभाया जिन दोस्तों ने,

आज उनको तहे दिल से सलाम करते हैं,

यूँ तो पुरी उमर भी कम हैं दोस्ती कि लिए,
फिलहाल आज का दिन दोस्तों के नाम करते हैं.

...रवि
'यादें'
http://ravi-yadein.blogspot.com/

9 comments:

manvinder bhimber said...

हम दोस्ती को पुरा निभाना जानते हैं,
ज़ख्म तुम्हारे कितने भी गहरे हों...
हम दावा लगाना जानते हैं,
हमे भूलने कि कोशिश मत करना दोस्त,
हम और भी याद आना जानते हैं।
bahut sunder likha h ai

संगीता पुरी said...

यूँ तो पुरी उमर भी कम हैं दोस्ती कि लिए,
फिलहाल आज का दिन दोस्तों के नाम करते हैं.
बहुत ही अच्छा।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

ख़ुद पर भरोसा हैं तो खुदा तेरे साथ हैं,
अपनों पर भरोसा हैं तो हर दुआ तेरे साथ हैं,
ज़िन्दगी से कभी मत हारना मेरे दोस्त,
जब तक तेरा यह दोस्त तेरे साथ हैं।


grt

Udan Tashtari said...

सही है-बेहतरीन लिखा!!

योगेन्द्र मौदगिल said...

अच्छी रचना..
आपको बधाई..
पर फोंट थोड़ा बड़ा कीजिये..

BrijmohanShrivastava said...

दोस्ती पर बहुत अच्छी रचना पढने को मिली क्योंकि अभी तक तो मुझसे यही कहा गया था कि सच्चा दोस्त उसी को समझना जो ""उसको आवश्कता होने पर "" तुम्हारे घर आजाये /

BrijmohanShrivastava said...

महोदय ,जय श्रीकृष्ण =मेरे लेख ""ज्यों की त्यों धर दीनी ""की आलोचना ,क्रटीसाइज्, उसके तथ्यों की काट करके तर्क सहित अपनी बिद्वाता पूर्ण राय ,तर्क सहित प्रदान करने की कृपा करें

Vinay said...

दीपावली के पावन पर्व पर आपको हार्दिक बधाई!

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

दोस्ती बड़ी कीमती चीज़ है....हम इसको बचाएं कैसे.....
हर महफ़िल में आना-जाना चाहते हैं लेकिन..जाएँ कैसे...!!