Wednesday, September 03, 2008

तुझे चैन ना आये मेरे बिन

ये दुआ है अतिशे इश्क़ मे

के तू मेरी तरह से जला करे

ना नसीब मे शरबत-ए-वस्ल हो

सदा ज़हर-ए-गम तू पीया करे

तेरे सामने तेरा घर जले

तेरा बस चले, तू बचा ना सके

ना खुदा दिखाये तुझे खुशी

आये खैर से वो भी दिन

तुझे चैन ना आये मेरे बिन

ना लगाऊ मै तुझे गले

मिनते तू मेरी किया करे

...Ravi
'YADEIN'
http://ravi-yadein.blogspot.com/

4 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

लगता है बहुत शिकायत है अपनें साथी से।अपने मनोभावो को बखूबी अभिव्य्क्त किया है।

नीरज गोस्वामी said...

रवि जी...दुआ करता हूँ की आप की ये बद्दुआएं किसी को ना लगें....इतनी तल्खी ठीक नहीं.
नीरज

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

wah guru toote dil ki awaj hai, poora kissa bhi batao

vipinkizindagi said...

बेहतरीन.....
सुन्दर.......